Wednesday, December 1, 2021

नवम्बर माह के आलेख


नवंबर माह के आलेख 

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  1प्रभा खेतान: नारी विमर्श की सशक्त आवाज़ 2कबीर - कल आज और कल के कवि 3समन्वय के विराट लोकनायक - तुलसीदास 4भले मानुष भाषावैज्ञानिक डॉ॰भोलानाथ तिवारी 5आमजनों के प्रखर प्रणेता: जनकवि बाबा नागार्जुन 6छायावाद के प्रवर्तक : पं. मुकुटधर पाण्डेय
7"सौ जासूस मरते हैं तब एक कवि पैदा होता है" - चंद्रकांत देवताले 8जॉन एलिया: एक पाकिस्तानी शायर जिसके दिल में हमेशा रहा हिन्दुस्तान 9“ कविता भाषा में आदमी होने की तमीज है...''- सुदामा पाण्डेय `धूमिल' 10लोक और आधुनिक साहित्य के सेतु : बिज्जी 11अनूठा साहित्यकार, बेमिसाल संपादक – रवीन्द्र कालिया 12हिंदी के आदि कवि : अमीर ख़ुसरो 13मुक्तिबोध- पार्टनर तुम्हारी पॉलिटिक्स क्या है?
14पराधीन भारत की वेदना के सक्षम प्रवक्ता और कटु आलोचक बालमुकुंद गुप्त 15कुँवर नारायण : मानवीय स्वरों की सहज उपस्थिति 16अकबर इलाहाबादी : तंज़ और इश्क़ का बेहतरीन शायर 17दलित विमर्श के पुरोधा: ओमप्रकाश वाल्‍मीकि 18मृदुला सिन्हा - लोक साहित्य को जीवन का आधार मानने वाली साहित्यकार 19विवेकी राय : ग्रामीण संस्कृति को समर्पित साहित्य साधक 20इश्क़ और इन्क़िलाब को साधता शायर - फै़ज़
21ज़िंदगी @ ८५ बनाम ज्ञानरंजन 22नरेश मेहता : आस्था और उदात्त प्रेम के रचनाकार 23किस्सों की अक्षय पोटली की स्वामिनी: अलका सरावगी 24परवीन शाकिर – ‘हँसती थी और काजल भीगता था साथ-साथ’ 25लोकभाषा और जनसंस्कृति के प्रणेता: महाकवि विद्यापति 26आधुनिकता और दर्शन के अनूठे हस्ताक्षर - कैलाश वाजपेयी 27साहित्य जगत का मील का पत्थर: हरिवंश राय बच्चन
28भुवनेश्वर: सवालों से घिरा व्यक्तित्व और जटिल जवाब 29अली सरदार जाफ़री: एक संवेदनशील साहित्यकार 30मैत्रेयी पुष्पा: नारी के लोकतांत्रिक मूल्यों की सशक्त आवाज़        

नवंबर माह के आलेख 

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कलेंडर जनवरी

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            1वह आदमी उतर गया हृदय में मनुष्य की तरह - विनोद कुमार शुक्ल
2अंतः जगत के शब्द-शिल्पी : जैनेंद्र कुमार 3हिंदी साहित्य के सूर्य - सूरदास 4“कल जिस राह चलेगा जग मैं उसका पहला प्रात हूँ” - गोपालदास नीरज 5काशीनाथ सिंह : काशी का अस्सी या अस्सी का काशी 6पौराणिकता के आधुनिक चितेरे : नरेंद्र कोहली 7समाज की विडंबनाओं का साहित्यकार : उदय प्रकाश 8भारतीय कथा साहित्य का जगमगाता नक्षत्र : आशापूर्णा देवी
9ऐतिहासिक कथाओं के चितेरे लेखक - श्री वृंदावनलाल वर्मा 10आलोचना के लोचन – मधुरेश 11आधुनिक खड़ीबोली के प्रथम कवि और प्रवर्तक : पं० श्रीधर पाठक 12यथार्थवाद के अविस्मरणीय हस्ताक्षर : दूधनाथ सिंह 13बहुत नाम हैं, एक शमशेर भी है 14एक लहर, एक चट्टान, एक आंदोलन : महाश्वेता देवी 15सामाजिक सरोकारों का शायर - कैफ़ी आज़मी
16अभी मृत्यु से दाँव लगाकर समय जीत जाने का क्षण है - अशोक वाजपेयी 17लेखन सम्राट : रांगेय राघव 18हिंदी बालसाहित्य के लोकप्रिय कवि निरंकार देव सेवक 19कोश कला के आचार्य - रामचंद्र वर्मा 20अल्फ़ाज़ के तानों-बानों से ख़्वाब बुनने वाला फ़नकार: जावेद अख़्तर 21हिंदी साहित्य के पितामह - आचार्य शिवपूजन सहाय 22आदि गुरु शंकराचार्य - केरल की कलाड़ी से केदार तक
23हिंदी साहित्य के गौरव स्तंभ : पं० लोचन प्रसाद पांडेय 24हिंदी के देवव्रत - आचार्य चंद्रबलि पांडेय 25काल चिंतन के चिंतक - राजेंद्र अवस्थी 26डाकू से कविवर बनने की अद्भुत गाथा : आदिकवि वाल्मीकि 27कमलेश्वर : हिंदी  साहित्य के दमकते सितारे  28डॉ० विद्यानिवास मिश्र-एक साहित्यिक युग पुरुष 29ममता कालिया : एक साँस में लिखने की आदत!
30साहित्य के अमर दीपस्तंभ : श्री जयशंकर प्रसाद 31ग्रामीण संस्कृति के चितेरे अद्भुत कहानीकार : मिथिलेश्वर          

आचार्य नरेंद्रदेव : भारत में समाजवाद के पितामह

"समाजवाद का सवाल केवल रोटी का सवाल नहीं है। समाजवाद मानव स्वतंत्रता की कुंजी है। समाजवाद ही एक सुखी समाज में संपूर्ण स्वतंत्र मनुष्यत्व...