Sunday, October 31, 2021

परिचय

‘हिन्दी से प्यार है’ समूह की ‘साहित्यकार तिथिवार’ परियोजना में आपका हार्दिक स्वागत है। इस परियोजना के अंतर्गत हम प्रतिदिन आपको हिन्दी साहित्य जगत के एक महत्वपूर्ण हस्ताक्षर से मिलवाएँगे। वैसे तो बहुत से मूर्धन्य साहित्यकारों से सम्बंधित जानकारियाँ आपको अन्यत्र भी मिल सकती हैं, परन्तु जन्मदिन अथवा पुण्यतिथि के अनुसार एक कैलेंडरनुमा प्रारूप में बँधी आत्मीय शब्दांजलि आपको यहीं मिलेगी। इन कालजयी, यशस्वी और मानवीय संवेदनाओं से ओत-प्रोत साहित्यकारों की धरोहर को उनके ख़ास दिन पर याद करने का यह एक अनूठा प्रयास है। हमारी यह कोशिश भी रही कि साहित्यकारों के परिवारजनों से साक्षात्कार कर कुछ नए रोचक तथ्य आपके समक्ष प्रस्तुत करें।

हमारे कुनबे में कुछ बड़े, यशस्वी रचनाकार ऐसे भी हैं जो इन तिथियों से परे हैं, जैसे कबीरदास, मीराबाई।इनके जन्म और मृत्यु की तथ्यात्मक जानकारी उपलब्ध नहीं है! उन्हें किसी तिथि में बाँधे बिना ही हमने अपने पंचांग में सम्मिलित किया है| 

यह परियोजना का पहला चरण है, जैसे-जैसे हमें आपका स्नेह मिलता जाएगा, हम इसमें अन्य विशेषताएँ जोड़ते चले जाएँगे। 

२०२१ के उत्तरार्ध में इस परियोजना का विचार हिन्दी-तकनीक के प्रणेता बालेन्दु दाधीच के मन में प्रस्फुटित हुआ। रूपरेखा बनाने में जुटे न्यूजर्सी से अनूप भार्गव जो ‘हिन्दी से प्यार है’ समूह के संस्थापक-संचालक भी हैं। क्रियान्वयन का भार सँभाला इन तीन प्रखर हिन्दी कर्मियों ने- सिंगापुर से कवयित्री शार्दुला नोगजा, बैंगलुरु से लेखिका दीपा लाभ, और दिल्ली से हिन्दी छात्रा सृष्टि भार्गव। ये तीनों इस परियोजना की प्रबंधक भी हैं और इसे अपने मुकाम तक ले जाने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध हैं|

बहुत से अनुभवी और हिन्दी के जाने-माने लेखक और संपादक इस परियोजना से परिवार की भाँति जुड़े। हम इन सबके ह्रदय से आभारी हैं। तिथिवार आलेख के लेखकों का परिचय आपको आलेख के अंत में मिलेगा। संपादन मंडल का नेतृत्व दिल्ली से डॉ. दीपक पांडेय और डॉ. नूतन पांडेय ने किया। संपादन मंडल के सदस्यों के बारे में जानकारी यहाँ उपलब्ध है।

संपादन मंडल:

अरविन्द कुमार शुक्ला, अरुणा अजितसरिया, अल्पना दाश,  दीपक पांडेय, दीपक बामोला, दीपा लाभ, नूतन पांडेय, प्रगति टिपनिस, रश्मि झंवर, रंजीत कुमार, रमा द्विवेदी, रेखा सेठी, सरोज शर्मा, शालिनी, शार्दुला नोगजा, शशि पाधा, शैलजा सक्सेना

आलेख पढ़ने के लिए चित्र पर क्लिक करें।

कलेंडर जनवरी

Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat
            1वह आदमी उतर गया हृदय में मनुष्य की तरह - विनोद कुमार शुक्ल
2अंतः जगत के शब्द-शिल्पी : जैनेंद्र कुमार 3हिंदी साहित्य के सूर्य - सूरदास 4“कल जिस राह चलेगा जग मैं उसका पहला प्रात हूँ” - गोपालदास नीरज 5काशीनाथ सिंह : काशी का अस्सी या अस्सी का काशी 6पौराणिकता के आधुनिक चितेरे : नरेंद्र कोहली 7समाज की विडंबनाओं का साहित्यकार : उदय प्रकाश 8भारतीय कथा साहित्य का जगमगाता नक्षत्र : आशापूर्णा देवी
9ऐतिहासिक कथाओं के चितेरे लेखक - श्री वृंदावनलाल वर्मा 10आलोचना के लोचन – मधुरेश 11आधुनिक खड़ीबोली के प्रथम कवि और प्रवर्तक : पं० श्रीधर पाठक 12यथार्थवाद के अविस्मरणीय हस्ताक्षर : दूधनाथ सिंह 13बहुत नाम हैं, एक शमशेर भी है 14एक लहर, एक चट्टान, एक आंदोलन : महाश्वेता देवी 15सामाजिक सरोकारों का शायर - कैफ़ी आज़मी
16अभी मृत्यु से दाँव लगाकर समय जीत जाने का क्षण है - अशोक वाजपेयी 17लेखन सम्राट : रांगेय राघव 18हिंदी बालसाहित्य के लोकप्रिय कवि निरंकार देव सेवक 19कोश कला के आचार्य - रामचंद्र वर्मा 20अल्फ़ाज़ के तानों-बानों से ख़्वाब बुनने वाला फ़नकार: जावेद अख़्तर 21हिंदी साहित्य के पितामह - आचार्य शिवपूजन सहाय 22आदि गुरु शंकराचार्य - केरल की कलाड़ी से केदार तक
23हिंदी साहित्य के गौरव स्तंभ : पं० लोचन प्रसाद पांडेय 24हिंदी के देवव्रत - आचार्य चंद्रबलि पांडेय 25काल चिंतन के चिंतक - राजेंद्र अवस्थी 26डाकू से कविवर बनने की अद्भुत गाथा : आदिकवि वाल्मीकि 27कमलेश्वर : हिंदी  साहित्य के दमकते सितारे  28डॉ० विद्यानिवास मिश्र-एक साहित्यिक युग पुरुष 29ममता कालिया : एक साँस में लिखने की आदत!
30साहित्य के अमर दीपस्तंभ : श्री जयशंकर प्रसाद 31ग्रामीण संस्कृति के चितेरे अद्भुत कहानीकार : मिथिलेश्वर          

आचार्य नरेंद्रदेव : भारत में समाजवाद के पितामह

"समाजवाद का सवाल केवल रोटी का सवाल नहीं है। समाजवाद मानव स्वतंत्रता की कुंजी है। समाजवाद ही एक सुखी समाज में संपूर्ण स्वतंत्र मनुष्यत्व...