‘हिन्दी से प्यार है’ समूह की ‘साहित्यकार तिथिवार’ परियोजना में आपका हार्दिक स्वागत है। इस परियोजना के अंतर्गत हम प्रतिदिन आपको हिन्दी साहित्य जगत के एक महत्वपूर्ण हस्ताक्षर से मिलवाएँगे। वैसे तो बहुत से मूर्धन्य साहित्यकारों से सम्बंधित जानकारियाँ आपको अन्यत्र भी मिल सकती हैं, परन्तु जन्मदिन अथवा पुण्यतिथि के अनुसार एक कैलेंडरनुमा प्रारूप में बँधी आत्मीय शब्दांजलि आपको यहीं मिलेगी। इन कालजयी, यशस्वी और मानवीय संवेदनाओं से ओत-प्रोत साहित्यकारों की धरोहर को उनके ख़ास दिन पर याद करने का यह एक अनूठा प्रयास है। हमारी यह कोशिश भी रही कि साहित्यकारों के परिवारजनों से साक्षात्कार कर कुछ नए रोचक तथ्य आपके समक्ष प्रस्तुत करें।
हमारे कुनबे में कुछ बड़े, यशस्वी रचनाकार ऐसे भी हैं जो इन तिथियों से परे हैं, जैसे कबीरदास, मीराबाई।इनके जन्म और मृत्यु की तथ्यात्मक जानकारी उपलब्ध नहीं है! उन्हें किसी तिथि में बाँधे बिना ही हमने अपने पंचांग में सम्मिलित किया है|
यह परियोजना का पहला चरण है, जैसे-जैसे हमें आपका स्नेह मिलता जाएगा, हम इसमें अन्य विशेषताएँ जोड़ते चले जाएँगे।
२०२१ के उत्तरार्ध में इस परियोजना का विचार हिन्दी-तकनीक के प्रणेता बालेन्दु दाधीच के मन में प्रस्फुटित हुआ। रूपरेखा बनाने में जुटे न्यूजर्सी से अनूप भार्गव जो ‘हिन्दी से प्यार है’ समूह के संस्थापक-संचालक भी हैं। क्रियान्वयन का भार सँभाला इन तीन प्रखर हिन्दी कर्मियों ने- सिंगापुर से कवयित्री शार्दुला नोगजा, बैंगलुरु से लेखिका दीपा लाभ, और दिल्ली से हिन्दी छात्रा सृष्टि भार्गव। ये तीनों इस परियोजना की प्रबंधक भी हैं और इसे अपने मुकाम तक ले जाने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध हैं|
बहुत से अनुभवी और हिन्दी के जाने-माने लेखक और संपादक इस परियोजना से परिवार की भाँति जुड़े। हम इन सबके ह्रदय से आभारी हैं। तिथिवार आलेख के लेखकों का परिचय आपको आलेख के अंत में मिलेगा। संपादन मंडल का नेतृत्व दिल्ली से डॉ. दीपक पांडेय और डॉ. नूतन पांडेय ने किया। संपादन मंडल के सदस्यों के बारे में जानकारी यहाँ उपलब्ध है।
संपादन मंडल:
अरविन्द कुमार शुक्ला, अरुणा अजितसरिया, अल्पना दाश, दीपक पांडेय, दीपक बामोला, दीपा लाभ, नूतन पांडेय, प्रगति टिपनिस, रश्मि झंवर, रंजीत कुमार, रमा द्विवेदी, रेखा सेठी, सरोज शर्मा, शालिनी, शार्दुला नोगजा, शशि पाधा, शैलजा सक्सेना
प्रभा खेतान जी पर यह बेबाक और विचारोत्तेजक आलेख पढ़ कर बहुत अच्छा लगा। लेखिका अरुणा जी को बधाई और हम सब को इस महत्वपूर्ण परियोजना के आरंभ पर शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteहिंदी के लिए सार्थक कदम है आने वाले समय मे यह किताब बहुत ही महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।
ReplyDeleteडॉ मोनिका देवी
अति सुन्दर! हिन्दी साहित्य की सेवा का यह प्रयास सराहनीय है।
ReplyDeleteदीपा जी, आपका संपादन मंडल में होना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। आपके ऐसे लेखक और कवि के संरक्षण में 'हिन्दी से प्यार है'समूह की ‘साहित्यकार तिथिवार’ परियोजना को हार्दिक बधाई। आशा है यह क्रांति रूप में हिन्दी और हमारी संस्कृति की सेवा करेगी।
हिन्दी साहित्यकारों पर ऐसी केलेन्डरनुमा प्रस्तुति कहीं और देखने को नहीं मिलती। सभी लेखकों का शुक्रिया कि वह इस परियोजना में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। दीपा लाभ और सृष्टि भार्गव के नियमित और महत्वपूर्ण योगदान के बिना और संपादक मंडल के सहयोग के बिना, यह परियोजना हम नहीं चला पाते। दीपा और सृष्टि की ह्रदय से आभारी हूँ। अब महसूस हो रहा है कि यदि मन में ठान लें तो कुछ भी संभव है।
ReplyDelete