tag:blogger.com,1999:blog-3079416417230567209.post8439372305645575560..comments2024-01-08T05:14:12.922+05:30Comments on साहित्यकार तिथिवार : रमाशंकर यादव ‘विद्रोही’ : वंचितों का कविहिंदी से प्यार हैhttp://www.blogger.com/profile/14862377977472469260noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-3079416417230567209.post-50862607457590335152022-10-16T10:28:39.654+05:302022-10-16T10:28:39.654+05:30अभिनंदनअभिनंदनडॉ जयशंकर यादवhttps://www.blogger.com/profile/04936213999823290568noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3079416417230567209.post-72092265443304316672022-10-15T21:51:12.887+05:302022-10-15T21:51:12.887+05:30आभा जी नमस्ते। आपने रामशंकर जी पर अच्छा लेख लिखा। ...आभा जी नमस्ते। आपने रामशंकर जी पर अच्छा लेख लिखा। लेख के माध्यम से उनके बारे में विस्तार से जानने का अवसर मिला। लेख में शामिल कविताओं के अंश भी बढ़िया है। यह लेख भी आपका रोचक एवं जानकारी भरा है। लेख के लिए हार्दिक बधाई।V Deepak Bamolahttps://www.blogger.com/profile/08935166343903263781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3079416417230567209.post-3524576348302932632022-10-15T18:16:45.893+05:302022-10-15T18:16:45.893+05:30आभा, रामशंकर यादव •विद्रोही’ का जीवंत परिचय कराता ...आभा, रामशंकर यादव •विद्रोही’ का जीवंत परिचय कराता लेख और उसमें दिए बेबाक उदाहरण उनकी अत्युत्तम तस्वीर खींच रहे हैं। क्या तेवर थे इस कवि के और क्या था बात को कहने का तरीक़ा! इस उत्तम लेख के लिए सधन्यवाद बधाई।Pragatihttps://www.blogger.com/profile/08246580958107902432noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3079416417230567209.post-34073066325794811222022-10-15T18:02:54.940+05:302022-10-15T18:02:54.940+05:30आभा, तुमने जन संघर्ष के कवि रमा शंकर यादव के अद्भु...आभा, तुमने जन संघर्ष के कवि रमा शंकर यादव के अद्भुत व्यक्तित्व और कृत्तित्व का क्या समृद्ध खाका खींचा है! शीर्षक से लेकर कविताओं का चुनाव, उनके 'विद्रोही' होने का किस्सा सब रोचक लगा। इस शानदार और जानदार आलेख के लिए तुम्हें बधाई और धन्यवाद Saroj Sharmahttps://www.blogger.com/profile/09179364132082805260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3079416417230567209.post-81346077566558623152022-10-15T17:03:19.029+05:302022-10-15T17:03:19.029+05:30एक सशक्त व्यक्तित्व ने एक प्रखर व्यक्तित्व पर लिखा...एक सशक्त व्यक्तित्व ने एक प्रखर व्यक्तित्व पर लिखा वो साधारण कैसे हो सकता. आभा दीदी आपकी कलम के शायराना मिज़ाज़ के हम कायल पर आलेख की लेखनी भी प्रभावित और प्रवाहित करती हुई. बहुत आभार और बधाईमीनाक्षी कुमावत मीराhttps://www.blogger.com/profile/10005613525223158620noreply@blogger.com