tag:blogger.com,1999:blog-3079416417230567209.post5773520177015604315..comments2024-01-08T05:14:12.922+05:30Comments on साहित्यकार तिथिवार : लेखन सम्राट : रांगेय राघवहिंदी से प्यार हैhttp://www.blogger.com/profile/14862377977472469260noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-3079416417230567209.post-48504573795457345112022-01-20T18:22:44.524+05:302022-01-20T18:22:44.524+05:30डॉक्टर सरोज शर्मा जी सादर अभिवादन l रांगेय राघव जी...डॉक्टर सरोज शर्मा जी सादर अभिवादन l रांगेय राघव जी के बहु आयामी व्यक्तित्व और कृतित्व पर आपका शोधपरक , पठनीय , ज्ञानवर्धक , दिलचस्प लेकिन गंभीरता की कसौटी पर सोलह आने खरा लेख लिखने के लिए आपको चौबीस कैरेट की बधाई l यूं ही रचनात्मक बनी रहे l रांगेय राघव महज 39 वर्ष जिए लेकिन 17-18 वर्ष के सृजन काल में उन्होने अनुवाद , आलोचना , निबंध , नाटक , जीवनी , कविता , कहानी और उपन्यास विधा पर पांच दर्जन से ज्यादा किताबें रचकर कीर्तिमान स्थापित किया है l आलोचकों की नजर हालांकि उन पर कम मेहरबान हुई उनके समय में भी और उनके बाद भी लंबे समय तक l मोहनजोदड़ो की पृष्ठभूमि पर उनका उपन्यास " मुर्दों का टीला" और घुमंतू जाति नटों की व्यथा कथा" पर उनका मार्मिक उपन्यास" कब तक पुकारूं" कालजई उपन्यास है l इन दोनों का रूसी भाषा में भी अनुवाद हुआ है l रूसी विद्वान चेलिशेव के कहने पर उन्होंने मायकोवस्की की रचनाओं का भी (विशेष रूप से " "लेफ्ट मार्च" ) अनुवाद किया l पुश्किन , भारतेन्दु हरिश्चन्द्र और शेली की तरह बहुत कम जिए लेकिन उनका रचनात्मक काम पाठकों के हृदय में अमर रहेगा l सरोज जी आपको इस काबिले गौर और काबिले तारीफ लेख के लिए हार्दिक बधाई और अभिनन्दन lRita Indrajeet Singhhttps://www.blogger.com/profile/01130458648192789019noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3079416417230567209.post-91348387523942865652022-01-20T17:16:49.022+05:302022-01-20T17:16:49.022+05:30सरोज जी , आपका रांगेय राघव पर लिखा आलेख आज पढ़ा। म...सरोज जी , आपका रांगेय राघव पर लिखा आलेख आज पढ़ा। मैं जब भी रांगेय राघव जी के बारे में पढ़ता हूँ , बहुत प्रेरणा मिलती है । लगता है हम कुछ भी कर पाने में सक्षम हैं। उनकी लेखकीय साधना को प्रणाम। <br />आपने तो बहुत सुंदर तरीक़े से उनके पूरे जीवन की तस्वीर खींची है।लगता है कोई खूबसूरत फ़िल्म देख रहे हैं और यह चलती जाए तो अच्छा है। आपको बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ । 💐Harpreet Singh Purihttps://www.blogger.com/profile/01223037896479559382noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3079416417230567209.post-26512981284194244992022-01-18T20:52:12.928+05:302022-01-18T20:52:12.928+05:30आप गदल कहानी पढ़िए, उसके परिवेश और भाषा का आपको बहु...आप गदल कहानी पढ़िए, उसके परिवेश और भाषा का आपको बहुत मज़ा आएगा। Saroj Sharmahttps://www.blogger.com/profile/09179364132082805260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3079416417230567209.post-13645557361411222482022-01-18T08:32:55.520+05:302022-01-18T08:32:55.520+05:30अब तक हिंदी साहित्य में उनका एक परिचित साहित्यकार ...अब तक हिंदी साहित्य में उनका एक परिचित साहित्यकार के रूप में जाना था, वो कितने विराट व्यक्तित्व के धनी थे आपके लेख से परिचय हुआ, आभार सरोज मेम.. अद्भुत लेखनमीनाक्षी कुमावत मीराhttps://www.blogger.com/profile/10005613525223158620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3079416417230567209.post-38390824580819288402022-01-17T17:49:26.275+05:302022-01-17T17:49:26.275+05:30महान आत्मा की प्रभावशाली अभिव्यक्ति। बहुत अच्छी तर...महान आत्मा की प्रभावशाली अभिव्यक्ति। बहुत अच्छी तरह से शोधित लेखन जो उनकी पुस्तकों को पढ़ने और उनके बारे में अधिक जानने के लिए प्रेरित करता है।महान लेखक को मेरा नमन।Santosh Mishrahttps://www.blogger.com/profile/13274445399451874825noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3079416417230567209.post-54309819126906989532022-01-17T16:37:20.020+05:302022-01-17T16:37:20.020+05:30बहुत ही ज्यादा जानकारियों से भरा आलेख। सरोज जी को ...बहुत ही ज्यादा जानकारियों से भरा आलेख। सरोज जी को साधुवादAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/05443939087912953556noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3079416417230567209.post-74329472880556943922022-01-17T15:37:27.493+05:302022-01-17T15:37:27.493+05:30हिंदी साहित्य के विलक्षण कथाकार, लेखक, एवं कवि आदर...हिंदी साहित्य के विलक्षण कथाकार, लेखक, एवं कवि आदरणीय रांगेय राघव हिंदी जगत के *शेक्सपियर* जाने जाते थे। उनकी एक बहुत खास बात थी कि जितनी देर में कोई एक किताब पढ़ता था उतने ही समय में वह एक क़िताब लिख सकते थे। उनके साहित्य में अक्सर मानवीय जीवन की पीड़ा, दर्द और चेतना से संघर्ष करना, अंधकार से उजियारे का सफर तय करना ही पढ़ने मिलता हैं। वही उनके लेखन का आधार भी होता था। आदरणीया डॉ सरोज जी का आलेख जानकारीपूर्ण हैं। लेखन और वर्णात्मक शैली भी रोचक हैं। कही-कही आत्मकथात्मक, प्रतीकात्मक और व्यंगात्मक शैली भी दिखाई पड़ रही हैं। आपके लेख में श्री रांगेय राघव जी के जीवन की अतित घटनाओं का इतनी जीवंतभाषा में चित्रण हुआ है कि पढ़ते वक्त ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे आँखों के सामने कोई चलचित्र चल रहा हो। कुल मिलाकर अति कलात्मक, रोचक, प्रभावोत्पादक एवं प्रसंगानुकूल आलेख लिखा गया हैं। आपका बहुत बहुत आभार और शुभकामनाएं।सूर्यकान्त सुतार 'सूर्या'https://www.blogger.com/profile/00856053751406216192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3079416417230567209.post-73725173606698798832022-01-17T14:02:47.955+05:302022-01-17T14:02:47.955+05:30सरोज, रांगेय राघव के साहित्य सृजन के लिए गए अथक पर...सरोज, रांगेय राघव के साहित्य सृजन के लिए गए अथक परिश्रम और उससे उत्पन्न हुए दीप्त रत्नों की गाथा को सुन्दर कहानी में पिरोया है तुमने। इस आलेख से साहित्य के प्रति उनकी साधना के साथ-साथ परिजनों के प्रति स्नेह की भी बेहतरीन तस्वीर उकेरी है। बहुत बहुत बधाई और आभार इस अद्भुत लेख के लिए। Pragatihttps://www.blogger.com/profile/08246580958107902432noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3079416417230567209.post-63295118405308182112022-01-17T12:26:19.621+05:302022-01-17T12:26:19.621+05:30रांगेय राघव जी ने छोटे जीवन काल में विशाल साहित्य ...रांगेय राघव जी ने छोटे जीवन काल में विशाल साहित्य सृजन किया। लगभग हर विधा में उन्होंने लिखा। ऐसे महान साहित्यकार के बारे में सरोज जी ने बहुत अच्छा लेख लिखा है। सीमित शब्दों में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने के लिए सरोज जी को हार्दिक बधाई।V Deepak Bamolahttps://www.blogger.com/profile/08935166343903263781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3079416417230567209.post-82966382029440071112022-01-17T10:23:24.402+05:302022-01-17T10:23:24.402+05:30सरोज जी जब ऐसा कोई मक्खन सा लेख आता है तो मन सच मे...सरोज जी जब ऐसा कोई मक्खन सा लेख आता है तो मन सच में first day first show वाले गर्व से भर जाता है! रांगेय राघव के बारे में पढ़ कर कल से अभिभूत है मन! <br />जिस घर में एक श्लोक की व्याख्या कई दिन तक चले, वहाँ बच्चे शब्द ऋषि ही बनेंगे! <br />उनका मानवतावाद ही सबसे श्रेयस्कर वाद है मेरे हिसाब से! <br />हजारीप्रसाद द्विवेदी का शांतिनिकेतन में होना, उन्हें छोटा पंडित कहना महाश्वेता देवी भी याद किया करती थीं! <br />मैं नक्शे में वैर ढ़ूँढ रह थी तो देखा वहाँ उनके नाम से एक कौलोनी और महिला महाविद्यालय भी है! <br />पुनः उम्दा लेख के लिए हार्दिक धन्यवाद सरोज जी!Shardulahttps://www.blogger.com/profile/14922626343510385773noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3079416417230567209.post-53362971255974119322022-01-17T10:02:34.634+05:302022-01-17T10:02:34.634+05:30सरोज जी, बधाई स्वीकार करें। आपकी प्रबुद्ध लेखनी और...सरोज जी, बधाई स्वीकार करें। आपकी प्रबुद्ध लेखनी और चित्रात्मक शैली को नमन। राँगेय राघव को सच्ची श्रद्धांजलि!डॉ सुनीता यादव Dr Sunita Yadavhttps://www.blogger.com/profile/01473526643140605738noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3079416417230567209.post-63515053216775054922022-01-17T09:32:04.846+05:302022-01-17T09:32:04.846+05:30अद्भुत.मैंने बस कब तक पुकारूं ही पढ़ी है। इतना विस...अद्भुत.मैंने बस कब तक पुकारूं ही पढ़ी है। इतना विस्तार से बताने के लिए बहुत बहुत आभार।Jayanti kumarihttps://www.blogger.com/profile/11339146508252105164noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3079416417230567209.post-42127207755211120442022-01-17T09:10:55.404+05:302022-01-17T09:10:55.404+05:30एक कथाकार की जीवनी को आपने कहानी की तरह लिखकर दिल ...एक कथाकार की जीवनी को आपने कहानी की तरह लिखकर दिल में उतार दिया है.... अद्भुत. <br />. डॉ. जियाउर रहमान जाफरी Yeshttps://www.blogger.com/profile/11642469285224582919noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3079416417230567209.post-36315025980375943032022-01-17T08:39:07.289+05:302022-01-17T08:39:07.289+05:30दिल्ली विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में पढ़े और पढ़ा...दिल्ली विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में पढ़े और पढ़ाए हुए विलक्षण रांगेय राघव की यादें हरी हो गईं।संग्रहणीय एवम अभिनंदनीय लेख।कृतज्ञ।डॉ जयशंकर यादवhttps://www.blogger.com/profile/04936213999823290568noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3079416417230567209.post-31354053733556553012022-01-17T08:25:54.964+05:302022-01-17T08:25:54.964+05:30वाह सरोज जी, रांगेय राघव के ऋषि तुल्य अद्भुत व्यक्...वाह सरोज जी, रांगेय राघव के ऋषि तुल्य अद्भुत व्यक्तित्व और अतुलनीय कृतित्व का क्या समृद्ध खाका खींचा है आपने! लेख के शुरू में दी गई कविता के चयन से लेकर संस्मरणों तक और उनके विपुल रचना संसार के विवरण से लेकर सरल व्यक्तित्व के वर्णन तक सब पठनीय और बांधे रखने वाला। ३९ साल की आयु में १५० पुस्तकें लिखने वाले विलक्षण रांगेय राघव पर दमदार रचना के लिए बधाई।Balendu Sharma Dadhichhttps://www.blogger.com/profile/16546616205596987460noreply@blogger.com